सुनामी आ गई-
मुसलसल बरसात का सिलसिला
जारी रहा जिस पल…………..
पलकों में भी सावन की सौगात आ गई
इनायत औ गुनाहों ने संग में कदम रखा
तरबतर दुनियां हुई, सुनामी आ गई
मुसलसल बरसात…………….
ढूंढते हैं सु कहीं नामी बडी जालिम।
जारी कटान है बरखा बड़ी जालिम
चाह के भी हम साहिल पे न गये
कुछ मंजर ऐसा हुआ वो बात आ गई
मुसलसल बरसात…………….
राज कुमार तिवारी (राज)