कविता

डेंगू बुखार को दूर भगाएं

        ‘डेंगू निरोधक दिवस’ पर विशेष

इधर भी डेंगू उधर भी डेंगू, 
जिधर भी देखें डेंगू ही डेंगू। 
इक नन्हा-सा संक्रमित मच्छर, 
दे सकता है भयंकर डेंगू॥ 
कूलर के गन्दे पानी से, 
इस मच्छर का पालन होता। 
रद्दी टायर टूटे बर्तन, 
गमलों में इसका घर होता॥ 
खुली नालियों-कुओं-तालाबों 
गड्ढों में यह बढ़ सकता है। 
फिर संक्रमित हो काटे अगर तो, 
डेंगू बुखार ये कर सकता है॥ 
साफ-सफाई रखें अगर हम, 
कुएं-तालाब में डालें दवाई। 
नाली ढकी हों रोज़ साफ हों, 
खिड़की-दरवाज़ों पे लगी हो जाली॥ 
कूलर की भी रखें सफाई, 
उसमें तेल केरोसीन डालें। 
कीटनाशक दवाई छिड़कें, 
अच्छी-अच्छी आदतें पालें॥ 
बुखार आए तो रक्त-जांच कराएं, 
डेंगू बुखार को दूर भगाएं। 
स्वस्थ जीवन का लाभ उठाएं, 
फूलें-फलें और खेलें-खाएं॥ 

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “डेंगू बुखार को दूर भगाएं

  • लीला तिवानी

    आज 10 अगस्त को को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ हैडेंगू (डेंग) अथवा ‘डेंगी’ / ‘डेंगू बुख़ार’ / ‘डेंगू फीवर’ / ‘डेंगू ज्वर’, एक आम संक्रामक रोग है। आम भाषा में इस बीमारी को “हड्डी तोड़ बुख़ार” कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ही प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है।

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