डेंगू बुखार को दूर भगाएं
‘डेंगू निरोधक दिवस’ पर विशेष
इधर भी डेंगू उधर भी डेंगू,
जिधर भी देखें डेंगू ही डेंगू।
इक नन्हा-सा संक्रमित मच्छर,
दे सकता है भयंकर डेंगू॥
कूलर के गन्दे पानी से,
इस मच्छर का पालन होता।
रद्दी टायर टूटे बर्तन,
गमलों में इसका घर होता॥
खुली नालियों-कुओं-तालाबों
गड्ढों में यह बढ़ सकता है।
फिर संक्रमित हो काटे अगर तो,
डेंगू बुखार ये कर सकता है॥
साफ-सफाई रखें अगर हम,
कुएं-तालाब में डालें दवाई।
नाली ढकी हों रोज़ साफ हों,
खिड़की-दरवाज़ों पे लगी हो जाली॥
कूलर की भी रखें सफाई,
उसमें तेल केरोसीन डालें।
कीटनाशक दवाई छिड़कें,
अच्छी-अच्छी आदतें पालें॥
बुखार आए तो रक्त-जांच कराएं,
डेंगू बुखार को दूर भगाएं।
स्वस्थ जीवन का लाभ उठाएं,
फूलें-फलें और खेलें-खाएं॥
आज 10 अगस्त को को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ हैडेंगू (डेंग) अथवा ‘डेंगी’ / ‘डेंगू बुख़ार’ / ‘डेंगू फीवर’ / ‘डेंगू ज्वर’, एक आम संक्रामक रोग है। आम भाषा में इस बीमारी को “हड्डी तोड़ बुख़ार” कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ही प्रतिवर्ष ’10 अगस्त’ को ‘डेंगू निरोधक दिवस’ मनाया जाता है।