राजनीति

मुजफ्फरपुर की निरीह बेटियाँ और सत्ता का क्रूर चेहरा

वर्तमान समाज और देश की हालात का जायजा, सुदर्शन लिखित कहानी के उस उद्धरण से शुरू कर रहा हूँ ,जब बाबा भारती ने छद्म अपाहिज बने डाकू खड्ग सिंह ,उनके प्राण से भी प्रिय, प्यारे घोड़े को झूठ का सहारा लेकर , अपाहिज बनकर ,धोखा देकर ,उसे लेकर भागता है ,तो बाबा भारती का यह कथन एक सच्चे दिल इंसान को अन्तर्तम तक झकझोर कर रख देती है कि , “घोड़ा तुम ले जाओ ,लेकिन लोगों को इस घटना का पता नहीं चलने देना, कि तुमने इस घोड़े को कैसे ठगा ? क्योंकि इससे लोगों को दीन-दुखियों पर से विश्वास उठ जायेगा । ”
इस देश का दुर्भाग्य रहा है कि हजारों वर्षों से यहाँ के छद्म धर्म और सत्ता के ठेकेदारों ने “खड्ग सिंह” बनकर ,झूठ बोलकर, इस देश की ग़रीब जनता को बारम्बार ठगा ,आश्चर्यजनक रूप से वर्तमान सत्ताकाल की व्यवस्था के कर्णधार आपके उद्धृत “बाबा भारती “कहानी के झूठ बोलने वाले चरित्र डाकू खड्ग सिंह के चरित्र के, ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्वलंत “उदाहरण” हैं ।
आज सत्ता रूपी अमृत कलश, उसी के हाथों में केन्द्रित रहती है ,जो सबसे ज्यादे सफाई से झूठ बोलता हो ,धूर्त हो ,ठग हो ,बहुरूपिया हो  हो ,धोखेबाज हो और जनता को मूर्ख बनाने की कला में पारंगत हो ..। आप जनता के विश्वास को तोड़ने की बात करते हैं ?, तो ,इस कथित लोकतंत्रिक व्यवस्था में ग़रीब जनता का अस्तित्व कहाँ है ? इस देश में हर तरफ अंधेगर्दी , जुल्मोसितम, अत्याचार, अनाचार ,धूर्तों बलात्कारियों ,पाखण्डियों का बोलबाला है ।
आप अपनी दृष्टि जरा निरपेक्ष और निर्विकार भाव से केन्द्रित कर, अपने दिल-दिमाग से चारों तरफ दृष्टिपात करके ,वर्तमान राजनैतिक और सामाजिक हालात की समीक्षा करिये , आपको निश्चित रूप से ये लगेगा कि आज की ये कथित लोकतांत्रिक व्यवस्था एक झूठ ,एक भ्रम ,एक छद्म “लोकतंत्र” का आवरण ओढ़कर , एक नृशंष, अमानवीय, क्रूर व्यवस्था को प्रतिपादित करने का कार्य निष्पादित कर रही है ।
इस क्रूर व्यवस्था में हर जगह यहाँ की नीरीह जनता को बुरी तरह कुचला और मारा जा रहा है ,सेना में जवान (गरीब का बेटा ) मारे जा रहे ( कथित शहीद हो रहे ) , गरीब किसान लाखों की संख्या में आत्महत्या कर रहा ,गरीब के हजारों की संख्या में नन्हें बच्चे मॉफियाओं द्वारा ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं को जानबूझकर रोककर, दम घोंट कर मारे जा रहे ,लाखों की संख्या में गरीब लोगों को जेलों में जीवन भर के लिए इसलिए ठूँस दिया गया है, क्योंकि उनके पास जमानत के लिए भी पैसे नहीं है, गरीब की बेटी ( नहीं ,अब बेटियों ) के साथ बलात्कार हो रहा है ।
…और बलात्कारी हँस रहा है, क्योंकि उसे पता है कि यह आपाद भ्रष्ट और नकारा कथित लोकतांत्रिक व्यवस्था उसके बलात्कार जैसे ,इस घृणित कार्य करने के बावजूद ,उसकी रक्षा करेगी क्योंकि इस व्यवस्था के संचालक.. शासन , प्रशासन , पुलिस ,न्याय के कथित रक्षक ,नेता सभी उसके “उस कार्य” में सहभागी रहे हैं ।
इस व्यवस्था में धर्म के नाम पर ,न्याय के नाम पर ,शासन और प्रशासन के नाम पर गरीब सदा कुचला जाता रहा है और कुचला जाता रहेगा, उसकी बेटियाँ सदा बलात्कार की शिकार होती रहेंगी ,किसान सदा आत्महत्या करता रहेगा ,बड़े लोग ( “पैसे वाले ” बड़े लोग कहलाते हैं ) ,रसूख वाले लाख कुकर्म ,बेइमानी ,बलात्कार करने के बावजूद सदा बचाये जाते रहेंगे ,क्योंकि ये व्यवस्था उन्हीं की “रक्षाकवच ” के लिए बनाई गई है । यह व्यवस्था इसी तरह मस्त हाथी की तरह चलती रहेगी ,चाहे कुछ भी अखबारों मे लिख-पढ़ लिजिए..!

— निर्मल कुमार शर्मा 

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]