पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा – अज्ञान से विज्ञान की ओर (भाग – 1)

प्रसिद्ध आलोचक श्री शैलेंद्र चौहान अपने एक आलेख ‘वैज्ञानिक चेतना और साहित्य ‘ में लिखते हैं कि ‘विज्ञान के अविष्कार की आदि भूमि भारत को मानने की काल्पनिक प्रवृत्ति को अंग्रेजी राज्य के दिनों में अधिक प्रोत्साहन प्राप्त हुआ ! अठारहवीं सदी में ब्रह्म समाज के अनुयायियों तथा जनता के अन्य प्रगतिशील वर्गों ने पश्चिमी […]

विज्ञान

अंटार्कटिका में उल्का पिंडों का अकूत खजाना

हमारी धरती अपने निकटवर्ती तारे सूर्य से व्यास के मामले में 109 गुनी छोटी है,लेकिन द्रव्यमान के मामले में यह उससे तेरह लाख गुनी छोटी है ! परन्तु सूर्य से इतनी छोटी होने के बावजूद भी यह हम मानवों के लिए इतनी बड़ी है कि इसके बहुत से दुर्गम इलाकों में अभी तक मनुष्य पहुंच […]

विज्ञान

अब 400 कमरों वाला फाइवस्टार होटल अंतरिक्ष में !

इस पृथ्वी पर रहनेवाले बहुत से लोगों के मन में सदा से ये हार्दिक इच्छा और जीजिविषा बनी रहती आई है कि हम जिस पृथ्वी पर रहते हैं,वह अंतरिक्ष से आखिर दिखती कैसी है ? अब तो वर्तमान समय में दुनिया भर के तमाम देशों के हजारों अंतरिक्ष यान हमारी इस धरती के दिन-रात सैकड़ों […]

पर्यावरण

अमेजन के जंगलों में जानबूझकर आग लगाना समस्त जैवमण्डल के लिए आत्मघाती होगा

वैश्विक स्तर पर मानवीय ,पर्यावरण और पशुपक्षियों के जीवन से प्रेम करने वाले लोग जीवन के स्पंदन से युक्त इस धरती के लिए जो अभी तक ज्ञात इस पूरे ब्रह्मांड में अपनी तरह की इकलौती और अनूठी है,के लिए प्रकृति द्वारा अमेजन के करोड़ों साल पूर्व अपने अथक मेहनत और सुविचारित ,सुचिन्तित तौर पर बनाए […]

इतिहास

स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा : पर्यावरण संरक्षण के एक अद्वितीय मसीहा

( जन्मदिवस 9 जनवरी के सुअवसर पर ) ‘सुन्दर लाल बहुगुणा ‘ एक ऐसे व्यक्तित्व का नाम है जिसके पर्यायवाची शब्दों में बहुत से शब्द हैं यथा चिपको आंदोलन,वृक्षों के रक्षक या वृक्षमित्र,शराब के खिलाफ लड़नेवाला अप्रतिम योद्धा,टिहरी राजशाही के कटु विरोधी,टिहरी जैसे बड़े बाँध से होनेवाले पर्यावरण,पारिस्थितिकी, समाज,संस्कृति और देश को होनेवाली अपूरणीय क्षति […]

पर्यावरण

हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ? सुलझती गुत्थी !

‘हमारी पृथ्वी पर जीवन कैसे आया ?’ यह बहुत ही गूढ़ प्रश्न है और उसका उत्तर पाना उतना ही जटिल भी है। प्रश्न है कि क्या पृथ्वी पर जीवन के लिए जरूरी तत्व पहले से उपलब्ध थे, जिससे इस धरती पर ही प्रारम्भिक या आदिम जीवों की उत्पत्ति हुई या वे सूदूर अंतरिक्ष के किसी […]

पर्यावरण

वन्य पशुओं के संरक्षण की वास्तविकता

( विश्व पृथ्वी दिवस,22 मई के अवसर पर ) अक्सर हमारे देश में पर्यावरण बचाने और प्रदूषण से मुक्ति के लिए वृहद वृक्षारोपण का नाटक करने में,नदियों को प्रदूषणमुक्त करने में अरबो-खरबों रूपयों का वारा-न्यारा कर दिया जाता है,जबकि वास्तविकता यह है कि उसमें होता कुछ नहीं है,वृक्षारोपण में लगाए गये पौधों में से 98 […]

पर्यावरण

धरती माँ को बचाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करने होंगे

(पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल के अवसर पर) इस पूरे ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी ही हरी-नीली अभिनव रंगों से आभाक्त अभी तक एकमात्र ग्रह है, जिस पर सांसों के स्पंदन से युक्त चलते फिरते जीव , रंग-बिरंगी तितलियों, चिड़ियों, फूलों, फलों से लदे हरे-भरे, पेड़-पौधे, लताएं, नीला इन्द्रधनुषी आकाश, रिमझिम बरसात, पेड़-पौधे, जंगलों और बर्फ से […]

पर्यावरण

पटाखों से प्रदूषण बनाम पृथ्वी, पर्यावरण, प्रकृति और हम मानव

(पृथ्वी दिवस, 22 अप्रैल के उपलक्ष्य में ) इस पृथ्वी पर हो रहे भयंकर प्रदूषण से समस्त जीवों, वनस्पतियों और मानवप्रजाति को भी जो उक्त जैवमण्डल का ही एक अत्यन्त छोटा सा भाग है, को बचाने के लिए हमें अत्यन्त शीघ्र कदम उठाने ही होंगे। हमारे भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पर्यावरण को बचाने हेतु पिछले […]

विज्ञान

हीरों से बना पूरा ग्रह !

हमारी दुनिया मतलब केवल हमारी धरती पर स्थित इसका पर्यावरण,मौसम,समुद्र,नदियाँ, पहाड़,रेगिस्तान,झीलें,इस पर उपस्थित लाखों तरह के जीव-जंतु,कीट-पतंगे,परिंदे,तितलियाँ, भौंरे और लाखों अन्य सूक्ष्म जीव-जंतु विचित्रताओं और विस्मित कर देने वाले तरह-तरह के अजूबों से भरे हुए हैं,परन्तु आश्चर्यचकित और हतप्रभ कर देनेवाली रचनाएँ और बिस्मित कर देनेवाली घटनाएं हमारी इस धरती से अरबों-खरबों प्रकाश वर्ष दूर […]