युवा बने रहें
12 अगस्त–अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष
कभी सोचा है?
सूरज क्यों रोज दमकता है?
चंदा क्यों रोज चमकता है?
तारे क्यों रोज टिमटिमाते हैं?
पक्षी अपने पंखों को क्यों रोज फड़फड़ाते हैं?
नदियां क्यों रोज बहती हैं?
समंदर क्यों रोज नदियों को खुद में समाते हैं?
वृक्ष क्यों रोज हरे-भरे रहते हैं?
फूल क्यों रोज खिलते-झरते रहते हैं?
सूरज रोज दमकता है,
ताकि उसका तेज बना रहे,
और वह निरंतर संसार को तेजोमय बनाता रहे.
चंदा रोज चमकता है,
ताकि सूरज से तेज लेने का उसका अभ्यास बना रहे
और वह निरंतर संसार को,
शीतलता और मधुरता का उपहार देता रहे.
तारे रोज टिमटिमाते हैं,
ताकि उनकी टिमटिमाने की खूबसूरत कला बनी रहे
और वे निरंतर संसार का पथ-प्रदर्शन करते रहें,
पक्षी अपने पंखों को रोज फड़फड़ाते हैं,
ताकि प्रभु की दी हुई उनकी यह नेमत बनी रहे
और वे निरंतर संसार को उड़ने की प्रेरणा देते रहें.
नदियां रोज बहती हैं,
ताकि अपने प्रियतम से मिलने की उनकी ललक बनी रहे
और वे संसार को निरंतर शुद्ध जल से आप्लावित करती रहें.
समंदर रोज नदियों को खुद में समाते हैं,
ताकि वे बह तो नहीं सकते,
पर अपनी वे प्रियतमा नदी के मिलन की तृषा को तृप्त कर सकें
और निरंतर संसार को अपनी विशालता से हर्षाते रहें.
वृक्ष रोज हरे-भरे रहते हैं,
ताकि सूर्य की रोशनी की उपस्थिति में,
वातावरण से कार्बन डाईऑक्साइड रुपी जहरीली गैस को लेकर,
संसार को जीवनदायिनी ऑक्सीजन वितरित करते रहें.
फूल रोज खिलते-झरते रहते हैं,
ताकि वे अपनी क्षणभंगुर उपस्थिति से भी,
संसार से हंसते-हंसते विदा लेने की शिक्षा देते रहे.
ये सभी इसलिए ऐसा करते हैं,
ताकि वे युवा रह पाएं.
आइए हम भी कुछ ऐसा कर पाएं,
ऐसा करके हम सचमुच
आज 12 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस मना पाएं,
हम चाहे किसी भी उम्र के हों,
रोज एक नई चीज सीखने की आदत बना लें,
साथ ही संसार को भी कुछ नया सिखाने को,
अपनी आदत बना लें,
युवा बने रहें,
युवा बने रहें.
विज्ञान ने सिद्ध कर दिया है, कि हम चाहे किसी भी उम्र के हों,
रोज एक नई चीज सीखने की आदत बना लें, तो कभी वृद्ध नहीं होंगे.
साथ ही संसार को भी कुछ नया सिखाने को, तो कभी वृद्ध नहीं होंगे.
तो कभी वृद्ध नहीं होंगे का अर्थ है, हम खुद को तो कभी वृद्ध नहीं समझेंगे, इस तरह हम हमेशा युवा बने रहेंगे.