विनम्र श्रद्धांजलि
लड़ता रहा मौत से प्रतिपल,
किंचित ना भयभीत हुआ।
सत्ता और विपक्ष भी जिसका,
निष्ठा से मनमीत हुआ।
देह त्याग कर चला स्वर्ग में,
इन्द्रासन अब डोला है।
देख प्रतिष्ठा अटल की शचिपति,
मन ही मन भयभीत हुआ।।
******
।।प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर
7978869045