कविता

वीर शहीद

लेता हूँ जब शहीदों का नाम
आँख में आँसू भर आते हैं
सुनता हूँ जब वीरों की गाथा
तो मेरे भी बाजू फड़क जाते हैं
अपनी धरती माँ की रक्षा को
जो सीना ताने अड़ जाते हैं
ललकारते हैं उन दुश्मनों को
उनके लहू से प्यास बुझाते हैं
करते हैं दुश्मनों का सरकलम
उनको हमेशा धूल चटाते हैं
उन कायरों की नापाकी का
सबक उन्हें सिखलाते हैं
दुश्मनों को मुर्दा करते करते
अपना नाम अमर कर जाते हैं
धन्य हुआ है उनका जीवन
जो भारत माँ की लाज बचाते हैं
वो खड़े रहते हैं सीमा पर
हम निश्चिंत होकर सो जाते हैं
हो गए जो देश पर कुर्वान
उनको हम क्या दे सकते हैं
पूजा करता हूँ मैं उनकी
जो वतन पर अपने मरते हैं
    – रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228