विरह वर्णन
प्रीत मिलन की आस लगी है
कब आओगे – कब आओगे
मधुर मिलन की आस लगी है
कब आओगे कब आओगे!
आप न हो तो ,सब सपने अधुरे
आप के आने से ,ख्वाइसे सब पूरे
बरसे सावन, भीगे दामन
कब आओगे……. ..
मधुर मिलन …………..
जब तक तेरा मै इतजार करती
नयनो से नीर ढ़रे ,अखियों के प्यास बूझे!
तेरे से ही श्रृंगार बनी है
कब आओगे………
मधुर मिलन की …….
तेरे बिन लगता है, जग सुना – सुना
तेरे बिना जीवन मे घोर अंधियारा!
तेरे आगमन से खुशिया बिखरती
कब आओगे …………….
मधुर मिलन की…….
प्रीत मिलन की आस लगी है
कब आओगे …..!!
— बिजया लक्ष्मी