गीतिका/ग़ज़ल

एक वही सबका पालक है…

एक वही सबका पालक है
क्या तुमको इसमें भी शक है

नालायक तो है नालायक
जो लायक है वो नायक है

छीन सके ताकत है किसमें
वो देता है जिसका हक है

खोट नही है उसके मन में
तेरा हर शंशय नाहक है

संसद में होता हंगामा
सिर्फ़ सियासत का नाटक है

कोई है जो अब भी दिल पर
रह रह कर देता दस्तक है

जो कुर्बान हुए हैं उनके
सजदे में झुकता मस्तक है

सतीश बंसल
२२.०८.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.