फूलों की कविता-13
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
13. प्रभु की देन से प्यार किया
हम पंकज हैं, पंक से जन्मे,
पंक में रहते, पर न्यारे।
जो जग में निर्लिप्त हो रहते,
सचमुच वे हैं प्रभु के प्यारे॥
कीचड़ में भी सुंदरता का,
प्रभु ने है वरदान दिया।
हमने भी दामन फैलाकर,
प्रभु की देन से प्यार किया॥
बहुत सुन्दर रचना लीला बहन .
फूलों के इस अनुपम संदेश से भला हम क्यों नहीं कुछ सीख सकते!कीचड़ में भी सुंदरता का,प्रभु ने है वरदान दिया।हमने भी दामन फैलाकर,प्रभु की देन से प्यार किया॥