राखी: यादों का त्योहार
रक्षा बंधन की पावन बेला आ पहुंची है. भाई अपनी बहिनों से राखी बंधवाने की प्रतीक्षा में हैं और बहिनें भाइयों को राखी बांधकर उनके दीर्घायु होने की शुभकामनाएं देने के लिए आतुर. ऐसे में यादों का झरोखा स्वतः ही खुल जाता है. मुझे भी उस बार की राखी का दिन याद आ रहा है, जब पतिदेव केवल इसलिए मुझे पिक्चर दिखाने के लिए ले गए थे, ताकि मैं भाई के पास न जा पाने के कारण उदास न हो जाऊं. मैंने अपना ब्लॉग पर राखी की कविता ”भूल न जाना बहिना को” पब्लिश की और हम पिक्चर देखने चले गए. अभी पिक्चर शुरु ही हुई थी, कि मेरे भाई का फोन आ गया. राखियां उसके पास पहुंच गई थीं और उसने बंधवा भी ली थी. बात करके ही मन में एक सुखद अहसास की अनुभूति हुई. इधर मैं उसको याद कर रही थी और वह मुझको. यादों के त्योहार रक्षा बंधन पर कुछ पंक्तियां-
राखी की पावन वेला है,
भूल न जाना बहिना को.
आ पाओ या ना आ पाओ,
भूल न जाना बहिना को.
राखी तो पहुंची ही होगी,
भूल न जाना बहिना को.
ना भी पहुंची हो तो भी भाई,
भूल न जाना बहिना को.
हरदम मेरी यादों में हो,
भूल न जाना बहिना को.
जहां रहो खुशहाल रहो तुम,
भूल न जाना बहिना को.
चंदा में भी तुम दिखते हो,
भूल न जाना बहिना को.
सूरज में भी तुम बसते हो,
भूल न जाना बहिना को.
तारों में भी तेरी छाया,
भूल न जाना बहिना को.
कहां नहीं है तेरी माया,
भूल न जाना बहिना को.
रंग बिरंगी राखी लेके आएगा, सबके दिलों को खुशियों से धड़काएगा,
रंग बिरंगी चूड़ी जम के खनकेगी ,भाई बहन का प्यार सभी को भाएगा.
कच्चे हैं धागे
पर जब बंधते
होते अटूट.
बहन भाई
खुशियां देहरी पे
चहचहाईं.
बहिना आयी
रक्षा कवच संग
सजी कलाई.
है अनमोल
यह स्नेहिल डोरी
मान रखना.
रहे आबाद
बहिना का संसार
भैया की दुआ.
द्वार खटका
बहिन उठा लाई
राखी का थाल.
राखी का दिन
घोंसले में चहके
प्रवासी पाँखी.
प्रीत डोर में
बंधे पावन रिश्ते
सदा खिलते.
सज गयी है
भइया की कलाई
महकी राखी.
रेल में भीड़
बसों में हाथापाई
राखी जो आई.
राखी त्यौहार
घर घर में लाता
ख़ुशी बहार.
मेरी बहना
बांध के राखी बोली
सदा मुस्काना.
करे बहना
भाई का इंतजार
राखी त्यौहार.
मेरी बहना
बांध के राखी बोली
सदा मुस्काना.
करे बहना
भाई का इंतजार
राखी त्यौहार. वाह , किया सुन्दर शब्द लीला बहन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
सारे जमाने में सबसे जुदा,
भाई-बहिन का प्यार होता है,
गंगा की तरह पावन-निर्मल,
रेशम के धागे में विश्वास होता है.
सभी पाठकों को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं.