द्वार खुले प्रभु रखते
भक्तों को दर्शन देने को द्वार खुले प्रभु रखते
इसीलिए भोले कहलाते इतनी कृपा करते-तेरी जय हो भोले, तेरी जय हो भोले(2)
1.सबको देते महल-माड़ियां, खुद पर्वत पर रहते
आनंद-ही-आनंद देते चाहे भक्त शिकायत करते- तेरी जय हो भोले(2)
2.सबको देते खूब गाड़ियां, बैलों पर खुद घूमें
भक्तों को कहते विमान में घूम गगन को चूमें- तेरी जय हो भोले(2)
3.सबको देते वस्त्र सजीले, खुद ओढ़ें मृगछाला
भक्तों को खुश देख खुशी को पाते हैं प्रतिपाला- तेरी जय हो भोले(2)
4.आक-धतूरा-बेल-फूल-फल-जल से खुश हो जाते
तीन लोक के स्वामी सबको सब कुछ दे हर्षाते- तेरी जय हो भोले(2)
(तर्ज़-विनय सुनो हे स्वामी सबका जीवनधन सरसाओ———–)
उत्तर और दक्षिण भारत में जहां रक्षाबंधन के त्योहार के साथ सावन के महीने का समापन हो गया वहीं देश के एक एक राज्य में अभी सावन का महीना चल ही रहा है और यहां आज सावन का तीसरा सोमवार मनाया जा रहा है। इस अवसर पर शिव मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार लगी है। यह राज्य है गुजरात यहां सोमनाथ और नागेश्वर दो ज्योतिर्लिंगों की पूजा के लिए देश के अलग-अलग भागों से भक्त पहुंचे हैं।