कविता

सफ़र

सब्र कर वन्दे तेरे भी दिन आएंगे

कर रहे हैं आज जो तेरी बुराई

कल वही लोग तुमको मनाएंगे

बस ईमानदारी से मेहनत करो

आप जरूर ही आगे बढ़ जाएंगे

सफर में कठिनाइयां तो बहुत होंगी

होंसला रखने से ही पार हो पाएंगे

पीछे खींचने को तो दुनियां पड़ी है

हर मोड़ पर स्वयं को आजमाएंगे

नीचे गिराने की ही सोचते हैं सब

हिम्मत रखकर ही बुलन्दी छू पाएंगे

तुम घबराना नहीं नाकामियों से

उजाला होगा ! अंधेरे ढल जाएंगे

– रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228

2 thoughts on “सफ़र

  • नीरज सचान

    बहुत ही शानदार ।

    • रमाकान्त पटेल

      बहुत बहुत आभार सर

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