स्वास्थ्य

जल कब पियें, कब न पियें

जल हमारे जीवन का आधार ही नहीं, सर्वश्रेष्ठ औषधि भी है। इसके समुचित प्रयोग से हम न केवल स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि अधिकांश रोगों से भी सहज ही छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन खेद है कि इतना महत्वपूर्ण तत्व होने के बाद भी अधिकांश लोग जल का उचित उपयोग नहीं करते और इसके परिणामस्वरूप बीमार रहते तथा कष्ट उठाते हैं।

सबसे पहले तो यह जानिये कि कैसा जल पीना चाहिए। इसका उत्तर यह है कि जल जहाँ तक सम्भव हो प्राकृतिक रूप से शीतल हो। अधिक शीतल जल, जैसे फ्रिज या बर्फ से ठंडा किया हुआ, पीना कदापि उचित नहीं। यदि कभी ऐसा जल पीना ही पड़े तो उसमें कुछ मात्रा में साधारण जल मिलाकर उसकी शीतलता कम कर ली जाये। गर्मी के दिनों में घड़े या सुराही का और जाड़े के दिनों में साधारण धातु के बर्तन में रखा हुआ जल पीना सबसे अच्छा है। वैसे अधिक ठंड में गुनगुना जल भी पिया जा सकता है।

फिर हमें यह जानना चाहिए कि कब जल पीना चाहिए और कब नहीं। यहाँ मैं अधिक विस्तार में जाये बिना संक्षेप में बताऊँगा कि हमें कब जल पीना चाहिए और कब नहीं पीना चाहिए।

जल कब पियें
1. प्रातः उठते ही डेढ़-दो गिलास साधारण शीतल या गुनगुना जल पियें। यदि पेट साफ न होने की शिकायत हो तो उसमें आधा नीबू निचोड़ा और एक चम्मच शहद मिलाया जा सकता है।
2. इसके बाद दिन भर हर एक या सवा घंटे बाद एक गिलास जल पीते रहें। इस प्रकार आप दिन भर में तीन से साढ़े तीन लीटर जल सरलता से पी सकेंगे। हर बार जल पीने के 45 मिनट से 1 घंटे बाद मूत्र विसर्जन करना भी अच्छा रहता है।
3. भोजन से लगभग एक घंटा पहले जल अवश्य पियें।
4. भोजन के लगभग सवा-डेढ घंटा बाद जल पियें।
5. रात्रि को सोने से पहले आधा गिलास जल पियें।
6. गर्मियों में घर से बाहर निकलने से पहले जल अवश्य पियें। अन्य दिनों में भी ऐसा किया जा सकता है।
7. टहलने या योग-व्यायाम करने से पहले जल पियें और व्यायाम के बाद भी एक गिलास जल अवश्य पियें।
8. सबसे सुनहरा नियम यह है कि जब भी आपको प्यास लगी तो तब जल अवश्य पियें।

जल कब न पियें
1. भोजन के तत्काल बाद जल पीना बहुत हानिकारक है। उस समय केवल कुल्ला करके मुँह साफ कर लें और बस एक या दो घूँट जल पी लें। इस समय अधिक जल पीने से पाचनशक्ति बहुत कमजोर हो जाती है और पेट लटकने लगता है।
2. शौच करके लौटने के तत्काल बाद जल न पियें। इस समय जल पीने से जठराग्नि मंद हो जाती है अर्थात् भूख कम हो जाती है। शौच के 15-20 मिनट बाद जल पिया जा सकता है।
3. यदि बाहर से लौटे हों और बहुत पसीना आ रहा हो, तो तत्काल जल न पियें, बल्कि कम से कम 10 मिनट विश्राम करने के बाद ही पियें।
4. कोई रसीला फल खाने या दूध पीने के तत्काल बाद भी जल न पियें. इसके 10-15 मिनट बाद जल पिया जा सकता है.

यदि आप इन नियमों का पालन करेंगे, तो जल का पूरा लाभ आपको मिलेगा और सदा स्वस्थ रहेंगे।

विजय कुमार सिंघल
भाद्रपद कृ 3, सं 2075 वि (29 अगस्त 2018)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: [email protected], प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- [email protected], [email protected]

2 thoughts on “जल कब पियें, कब न पियें

  • नूतन गर्ग

    जल के विषय में बहुत अच्छी जानकारी । धन्यवाद सर ।

    • विजय कुमार सिंघल

      स्वागत है !

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