गजल – गीत मुहब्बत के
गीत मोहब्बत के ग़मों में गाना तुम |
दर्द छुपकर महफ़िल में मुस्काना तुम |
दुनिया कैसे उंगली पे नचाती है |
अपने दिल के राज जरा बतलाना तुम ||
यह मत सोच कि सुनकर दुनिया रो देगी |
यारों से भी दिल के राज छुपाना तुम ||
आ बैठेंगे दिल की शाखों पे बिछुड़े |
मीठी यादों का दाना उनको पाना तुम ||
होकर दिल बेकाबू गजलें कह देगा |
थोड़ा-थोड़ा दिल को बस उकसाना तुम ||
पर्वत झुक कर कदमों पे आ जायेंगे |
हिम्मत से बस थोड़े कदम उठाना तुम ||
बंजर में भी सोना बस उग आएगा |
कोई दरिया खेतों तक पहुँचाना तुम ||
प्यार मोहब्बत रिश्ते आज बिकाऊ हैं |
सोच –समझ कर दिल को जरा लगाना तुम ||
मन का सारा अँधियारा मिट जायेगा |
रहबर के चरणों में शीश नवाना तुम ||
दौड़े आयेंगे वो खुद लाज बचाने को |
दिल की गहराईयों से उन्हें बुलाना तुम ||