दीपक
बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत
दीपक
प्रेम-प्यार का दीपक प्यारा,
जग-अंधियारा हरता है.
आंधी और तूफानों से भी,
तनिक नहीं यह डरता है.
खुद जलकर औरों को देता,
सुखदाई-तमहारी उजास.
इससे सीखें हरदम देना,
सबको सुखमय स्नेह-प्रकाश.
बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत
दीपक
प्रेम-प्यार का दीपक प्यारा,
जग-अंधियारा हरता है.
आंधी और तूफानों से भी,
तनिक नहीं यह डरता है.
खुद जलकर औरों को देता,
सुखदाई-तमहारी उजास.
इससे सीखें हरदम देना,
सबको सुखमय स्नेह-प्रकाश.
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बैठ अंधेरे में हम सोचा करते हैं,
कहीं से आए प्रकाश और उजाला हो जाए,
इतना भी नहीं करते हैं हमम
कि उठकर खुद से दीपक जलाएं, रोशनी पाएं.