एक्सट्रा उंगलियां
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में रिश्तों को तार-तार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां एक बच्चे के रिश्तेदार ही उसकी जान के दुश्मन बन बैठे हैं. बच्चे का कसूर बस इतना है कि उसके हाथों-पैरों को मिलाकर 20 नहीं बल्कि 24 उंगलियां हैं. किसी तांत्रिक के कहने पर रिश्तेदारों को लगता है कि बच्चे की बलि देने से वे अमीर हो जाएंगे.
बच्चे के पिता मजदूरी कर पैसा कमाते हैं, लेकिन जब से रिश्तेदार बच्चे की जान के दुश्मन बने, तब से वह घर पर ही रहकर सुरक्षा में लगे रहते हैं. उन्होंने बच्चे को स्कूल भेजना भी बंद कर दिया है और परिजन एक मिनट के लिए भी बच्चे को अकेला नहीं छोड़ रहे हैं. बात पुलिस तक तो पहुंचनी ही थी, सो पहुंची. पुलिस तो पूरी जांच करेगी ही, फिलहाल सर्किल अधिकारी ने मोर्चा संभालकर रिश्तेदारों को समझाया-
”आप लोगों ने गोल्डन गर्ल स्वप्ना की बात तो सुनी ही होगी. अभी हाल ही में 18वें एशियाई खेलों में स्वप्ना ने हेप्टाथलन में गोल्ड पदक जीतकर नया इतिहास रचा है. इसके लिए एक नहीं, अनेक स्पर्धाओं में महारत हासिल करनी पड़ती है. उसने ऊंची कूद, लंबी कूद, भाला फेंक और गोला फेंक आदि सात बाधाओं को लांघकर सोना अपने नाम किया. अब मैं जो बात बताने जा रहा हूं, वह आप सब ध्यान से सुनिएगा. इस बच्चे की तरह उसके भी दोनों पैरों में एक्सट्रा उंगलियां हैं. उसकी किसी ने बलि नहीं चढ़ाई और आज वह हमारे देश का गर्व बनी हुई है.” सर्किल अधिकारी ने बहुत-से रिश्तेदारों को अचंभित होकर पीछे खिसकते हुए देखा.
”एक बात और ग़ौर से सुनिए,” सर्किल अधिकारी ने कहा, ”गोल्डन गर्ल स्वप्ना बर्मन रिक्शाचालक की बेटी है. मैं इस बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं रहने दूंगा. वह आर्थिक रूप से कमजोर है, इसलिए जब तक मेरी पोस्टिंग यहां है, तब तक उसकी पढ़ाई का खर्च मेरे द्वारा उठाया जाएगा”
बलि चढ़ाने को आतुर सभी रिश्तेदार और तांत्रिक भागते हुए दिखाई दिए.
शरीर में जन्मना कोई अंग एक्सट्रा हो, तो उसको जीने के हक से वंचित करना घोर अपराध है. अक्सर ऐसा देखा गया है, कि ऐसे लोगों के एक्सट्रा अंग या उंगलियां एक्सट्रा शक्ति देने में सहायक होती है. यही उस व्यक्ति का संबल बन जाती हैं, यही इस लघुकथा में वर्णित है. एक्सट्रा उंगलियों वाले पर एक्सट्रा ध्यान दो, उसकी बलि मत चढ़ाओ.