फूलों की कविता-15
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
15. फूल
रंगबिरंगे होते फूल,
सबको हैं महकाते फूल।
कांटों में भी शीश उठाकर,
हंसते और हंसाते फूल॥
मुरझाकर भी बड़ी शान से,
अपनी महक लुटाते फूल।
कोमल-कोमल, सुंदर-सुंदर,
प्रभु की प्यारी रचना फूल॥
फूल की जिंदगी ही क्या है! कई-कई दिनों में एक कली से फूल बनता है. उसकी सुंदरता से मोहित होकर उसे तोड़ लिया जाता है, या फिर तेज हवा से उसकी पति-पति झरकर बिखर जाती है. उसके बावजूद फूल हंसते-हंसाते रहते हैं. फूल को कभी किसी ने रोते हुए नहीं देखा. इतना ही नहीं, वे फूल तोड़ने वाले के हाथ को भी सुवासित कर देते हैं और हवा को भी महकीला कर देते हैं. अद्भुत है फूलों का संदेश.