मुस्कुराते दीपक
प्यारे -प्यारे से दीपक
घर -मंदिर में जलते दीपक
देखने में छोटे उजास भरे दीपक
अंधकार को चिर जाते
जलते जब दीपक
कला -कौशल के श्रम से बनते दीपक
सजती नहीं बिन दीपावली दीपक
घरों पर सजे हार से लटके दीपक
आराधना के सच्चे साक्ष्य होते दीपक
अमीरी -गरीबी में फर्क नहीं करते दीपक
बिन बिजली के जब मुस्कुराते दीपक
— संजय वर्मा “दृष्टि “