फूलों की कविता-16
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
16. हरसिंगार के फूल
नाम हमारा हरसिंगार है,
शरद ऋतु में खिलते हैं।
नन्हे-नन्हे श्वेत सुमन हम,
रात में खिलते-झरते हैं॥
वैभव की हमें चाह नहीं है,
पूजा की परवाह नहीं।
बालों या माला में सजने,
की भी हमको चाह नहीं॥
हम तो जग को सुंदर करके,
दे सुगंध झर जाएंगे।
फिर अवसर-मौसम आने पर,
सेवा करने आएंगे॥
फूल की कहानी सुनिए उसी की जुबानी. फूल का कहना है- सबकी तरह हम भी टूटने या झरने के लिए ही पैदा हुए हैं, पर झरकर मरने से पहले, जग सुरभित कर जाएंगे. अनुकूल मौसम आने पर फिर सेवा करने का अवसर मिला, तो फिर झरने के लिए ही सही, आएंगे और जग को सुंदरता देकर सुरभित कर जाएंगे.