असली पूजा
गणेश चतुर्थी हो या अन्य कोई पूजा-उत्सव, पूजा-अर्चना पर विशेष आयोजन किया जाता है, जिसमें कई बार लाखों रुपये भी लगा दिए जाते हैं. वह पूजा हो सकती है, पर असली पूजा राजेश देवी की कही जा सकती है.
दादगी के अपने दादोपुर खटाना गांव की 55 वर्षीय महिला राजेश देवी ने ठान लिया था, कि वह अपने गांव के लिए आने वाले 250 मीटर लंबे रास्ते पर कंक्रीट की सड़क बनवा कर ही रहेगी.
ऐसा करने के पीछे भी एक विशेष कारण था. कई ब्लॉक मीटिंग्स करके गांव में रास्तों के खराब होने का मसला उठाया गया, लेकिन अमीर लोगों के घरों की ओर जाने वाले रास्तों की ही मरम्मत कराई गई, इस रास्ते की मरम्मत पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. एक बार गड्ढों से भरे रास्त पर गुजरते वक्त राजेश देवी एक बार चोटिल हो गई थीं. इसके बाद उन्होंने सड़क के सुधार का ही बीड़ा उठा लिया.
राजेश देवी के पति ओमवीर और बेटा सुधीर मजदूरी करते हैं. इस सड़क के निर्माण में 1 लाख रुपये की लागत आनी थी. राजेश देवी ने अपने घर का ही एक हिस्सा भतीजे को बेच दिया है और 1 लाख रुपये जुटाकर रास्ते को बनवाने का फैसला लिया ताकि जो कष्ट उन्हें हुआ है, वह अब किसी और को न हो.
यही तो असली पूजा है.
जो कष्ट मुझे हुआ है, वह अब किसी और को न हो, यही भावना तो असली पूजा है. राजेश देवी ने यही किया, भले ही इसके लिए उसे मकान का एक हिस्सा बेचना पड़ा, पर जो काम प्रशासन ने नहीं किया, वह उसने कर दिखाया. राजेश देवी और उसकी असली पूजा की भावना को कोटिशः प्रणाम. आज गणेश चतुर्थी है. सबको गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं.