हिंदी की मशाल
हिंदी दिवस 14 सितम्बर पर विशेष गीत
(हिंदी की मशाल)2 लेके हमने अलख जगाया है (हिंदी की मशाल)
हिंदी की मशाल लेके हमने अलख जगाया है
जीवन को सजाया है-(हिंदी की मशाल)
1.चाहे हो परदेस, अब ये ही अपना देस, चमन ये प्यारा है
हिंदी का विकास, यहां अपना है प्रयास, अमन ये न्यारा है
(लेकर सबको साथ)2, डाले हाथों में अब हाथ
हमने आगे कदम बढ़ाया है, हिंदी की मशाल
2.लिखना सिखाते हैं, पढ़ना सिखाते हैं, सिखाते हिंदी बोलना
गाना सिखाते हैं, कविता सिखाते हैं, सिखाते नहीं डोलना
(लेकर सबको साथ)2, डाले हाथों में अब हाथ
हमने आगे कदम बढ़ाया है, हिंदी की मशाल
(तर्ज़- एक तेरा साथ, हमको दो जहां से प्यारा है———–)
हिंदी दिवस 14 सितम्बर देश-विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिवस पर विशेष गीत ”हिंदी की मशाल” ऑस्ट्रेलिया के हिंदी स्कूल में हिंदी दिवस मनाने के लिए लिखा गया था. इस गीत को वहां बहुत सराहा गया था, इसलिए हमने आपके लिए भी प्रस्तुत किया है.