लघुकथा

दूसरा मौका

एक सदाबहार कैलेंडर में मैंने लिखा था.
”किसी की लिखी बात को हर कोई नहीं समझ पाता, 
क्योंकि वह अहसास लिखता है और लोग अल्फ़ाज़ पढ़ते हैं.”

 

 

लेकिन उन्होंने मेरे अहसास को अपना अहसास बना लिया था. मैंने उनको लिखा था- ”मेरे ब्लॉग पर आपकी प्रतिक्रिया एकदम सटीक, सार्थक व साहित्यिक है. इससे मैंने अनुमान लगाया है, कि आप बहुत बड़े साहित्यकार बन सकते हैं.”
शायद उन्होंने ब्लॉग वेबसाइट की विशालता को देखते हुए मेरे अनुग्रह को बड़ी विनम्रता से टाल दिया था.
”ठीक है, आप अमुक वेबसाइट देख लीजिए, मैं आपको उसकी सदस्यता प्राप्त करने का तरीका भी बता दूंगी.” मैंने फिर लिखा था.
”श्रद्धेय दीदी, ठीक है, मैं यह दूसरा मौका नहीं गंवाना चाहता.”
फिर क्या था. उन्होंने उस वेबसाइट की सदस्यता प्राप्त कर ली. शीघ्र ही वे बहुत लोकप्रिय साहित्यकार बन गए. फिर वे विशाल ब्लॉग वेबसाइट से भी जुड़ गए. यहां भी लोकप्रियता उनके साथ रही. उन्हें अनेक पुरस्कार भी मिले. शायद पुरस्कार ही उनकी झोली में जाकर खुद को सम्मानित महसूस कर रहे थे. फिर एक सम्मानित साहित्यिक मंच के सदस्य बनकर शीघ्र ही साप्ताहिक प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त कर लिया. साहित्य की सभी विधाओं में लेखन अब उनकी जिंदगी बन गया था.
दूसरा मौका न गंवाकर आजकल वे उसी सम्मानित साहित्यिक मंच के आयोजक मंडल को सुशोभित कर रहे हैं.

 

पुनश्च-
छोटे से बड़े और फिर उससे बड़े मंच को सुशोभित करने वाले ये साहित्यकार ब्लॉगर राजकुमार कांदु भाई हैं, जिनका आज जन्मदिन है. राजकुमार भाई, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाइयां. आप ऐसे ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होते हुए सुखी व सुस्वस्थ जीवनयापन करें.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “दूसरा मौका

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , राजकुमार भाई तो इतना अच्छा लिखते हैं की मज़ा आ जाता है और जीवन की सचाई को बिआन करने का उन का ढंग कमाल क है . वोह अपनी बात भी कह जाते हैं और किसी को कोई ठेस भी नहीं पहुँचती . उन के अनुरोध से ही मैं अपनी कहानी अनुपम में पोस्ट कर रहा हूँ . इसे बहाने कई और अछे लोगों से गुफ्तगू हो जाती है और टाइम पास हो जाता है . राजकुमार भाई को जन्म दिन की ढेरों मुबारकें .

  • लीला तिवानी

    प्रिय राजकुमार भाई, आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाइयां. पिछले दो साल से आपने लेखन प्रारंभ किया है. आपकी पहली प्रतिक्रिया ही गज़ब ढाने वाली थी. उन दिनों हमारे पास कामेंटेटर्स की ई.मे. ऐड्रेस भी आती थी, इसलिए आपसे खतो-किताबत शुरु हुई. फिर तो आप फटाफट सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए और आज एक सफल साहित्यकार-कथाकार के मुकाम पर पहुंच गए हैं. आपकी सफलता की उड़ान ऐसे ही जारी रहे और आप ऐसे ही उन्नति के पथ पर अग्रसर होते हुए सुखी व सुस्वस्थ जीवनयापन करें. एक बार पुनः आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाइयां.

    • राजकुमार कांदु

      आदरणीय बहनजी ! सब आपके प्रयासों का ही नतीजा है कि कुछ लिखने का प्रयास किया । आपका व विजय सिंघल जी भाई जी की विशेष कृपा से मुझे यहाँ लिखने का और बहुत कुछ सीखने का मौका मिला । आपके प्रोत्साहन से ही मेरा लेखन का क्रम अनवरत चल निकला जो आज भी जारी है । आप सचमुच वो पारस हो जो हम जैसे लोहे को भी सोना बनाने की क्षमता रखता है । सदैव ऐसे ही स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा । दिल से धन्यवाद !

Comments are closed.