अपनी हद को पार न करना…
अपनी हद को पार न करना
जीवन को दुष्वार न करना
कुर्सी पर जब भी बैठो तो
बेबस को लाचार न करना
मिलने जुलने में इस दिल को
चाहत का बीमार न करना
सुख जीवन में यदि चाहो तो
रिश्तों का व्यापार न करना
छोड़ नही देना अपना हक़
नाहक पर अधिकार न करना
बेबाकी पर बंदिश वाली
शर्त कभी स्वीकार न करना
बीच खड़ी भाई-भाई के
नफ़रत की दीवार न करना
सतीश बंसल
१३.०९.२०१८