गीतिका/ग़ज़ल

धूप को चाँदनी नहीं लिखते

धूप को चाँदनी नहीं लिखते
आँसुओं को खुशी नहीं लिखते

जो कलमकार हैं किसी हालत
रात को दिन कभी नही लिखते

इश्क जो रूह तक नही पहुँचे
हम उसे आशिकी नहीं लिखते

उनको कैसे अदब नवाज लिखूँ
जो सही को सही नही लिखते

ग़ैर के काम जो नहीं आती
हम उसे ज़िन्दगी नहीं लिखते

जिसको लिखकर हुए अमीर कयी
लोग कुछ बस वही नहीं लिखते

जो त’अस्सुब दिलों में रखते हैं
सब उन्हें आदमी नही लिखते

सतीश बंसल
०९.०९.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.