कविता

हिन्दी को प्रणाम

हिन्दी तो बस हिन्दी है ।
मां के सिर की बिन्दी है ।।

उर्दु, अरबी या फिर चीनी,
अंग्रेजी हो या जापानी,
सारे जग में सबसे सुन्दर,
सबसे मीठी हिन्दी है ।
हिन्दी मातृभाषा है ,
जनगणमन की आशा है,
आज खुले में, नीलगगन में,
नही किसी की बन्दी है ।
हिन्दी जैसे गंगा-जमुना,
ज्यूं सबुह का सच्चा सपना,
मुंह खुले रसधार बहे,
श्वास श्वास में हिन्दी है ।
माटी की है सौरभ इसमें,
हम सबका है गौरव इसमें,
हिन्दी से पहचाने जाते,
हर बात हमारी हिन्दी है ।

मुकेश बोहरा 'अमन'

पिता का नाम - स्व. श्री पारसमल बोहरा (जैन) माता का नाम - स्व. श्रीमती शान्ति देवी धर्मपत्नि - श्रीमती शान्ति बोहरा ‘शान्त’ अनुज भ्राता - श्री राहुल बोहरा ‘अमन’ संतान - 1. कार्तिक बोहरा 2. कु. संध्या बोहरा जन्म तिथि - 20.07.1984 शैक्षणिक योग्यता - अधि-स्नातक (हिन्दी), बी.एड. व्यवसाय:- शिक्षण कार्य, राजकीय सेवा में अध्यापक, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सांसियों का तला, बाड़मेर राजस्थान भारत प्रकाशित कृतियां - 1. महिला सशक्तिकरण को लेकर कालजयी कृति ‘‘हिम्मत है तो वार करो’’ 2. ओरण-गोचर संरक्षण को लेकर पुस्तक ‘‘ओरण हमारी धरोहर’’ 3. बाल साहित्य में ‘‘भगवान हमारे दादाजी’’ रूचियां:- काव्य लेखन, गद्य लेखन, स्वतंत्र पत्रकारिता, समाज-सेवा, किताबें पढ़ना आदि । स्थायी पता - अमन भवन, महावीर सर्किल, जूना केराडू मार्ग, बाड़मेर राजस्थान भारत 344001 मोबाईल नम्बर:- 8104123345, फेसबुक - कवि मुकेश अमन Email - [email protected]