फूलों की कविता-17
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
17. कर देते महकीली दुनिया
हम फूलों की बात निराली,
हमसे ही है सजीली दुनिया।
लाल-गुलाबी-नीले-पीले,
कई रंगों से रंगीली दुनिया॥
हम ही तो सपने रंगते हैं,
करते हैं सपनीली दुनिया।
अपनी भीनी महक लुटाकर,
कर देते महकीली दुनिया॥
हमने प्रभु से खुशबू पाई,
सुंदरता का वर पाया ।
कांटों-संग कोमलता पाई,
पाकर, जग को महकाया ।।
हम कब कहते हमें न तोड़ो,
हम तो झर ही जाएंगे ।
पर, झरकर मरने से पहले,
जग सुरभित कर जाएंगे ॥