कुण्डली/छंद कहमुकरी छंद बिजया लक्ष्मी 20/09/201821/09/2018 प्रीत मिलन की याद सतावे दे दो दर्शन प्यास बुझावे उनके बिन कुछ भी न भाता ए सखि साजन? ना सखि यारा! — बिजया लक्ष्मी