कविता

कविता -टी.वी और परिवार

अब तो टीवी बिना जीना दुश्बार हैं
सामने रात को टीवी आगे परिवार हैं
नौकर शादी में भी बीबी माँग लगातार
टीवी बिना न गौणा मुझको स्वीकार हैं
हार कर किश्तों पर चलता व्यबहार जो
लाया खोली में छोटा बक्सा उपहार हैं
घर में चलता व्यजनों का प्रोग्राम भी
नये प्रयोग से चखाना पत्नी का प्यार हैं
स्वादरहित को भी बढियां कहना लिहाज़
घर की खुशी के लिये बना रहे उपकार
बच्चों का भी डोरोंमोन और कृष्णा संसार
खेलना बाहर अब उनको लगता बेकार हैं
क्रोध में पति रिमोट से जान खबर सार
यूँ ही चलता जीवन इस युग कारोवार हैं
— रेखा मोहन

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]