इंतजार
जबसे गए हो तुम पिया ,
न खत भेजा न पूछी बात ।
जबसे मिले हो तुम पिया ,
न चैन रहा न दिल है साथ ।
कैसी हो तुम कब आओगी
नैनो में तुम कब छाओगी ।
जबसे गए हो तुम पिया ,
पूछा भी नही तुम कैसी हो ।
मन वीणा की साँस अनौखी ,
मिलने को हर पल है उदासी।
जबसे गए हो तुम पिया ,
पूछा भी नहीं तुम कैसी हो ।
दूरी है क्यों मुझसे है तुम्हारी ,
मैं तो हूँ बस पिया बाबरी ।
जबसे गए हो तुम पिया ,
पूछा भी नहीं तुम कैसी हो ।
वो फूलों की अजब सी खुश्बू ,
बरसातें वो प्यार की जुस्तजू ।
जबसे गए हो तुम पिया
पूछा भी नहीं तुम कैसी हो ।
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़