कैसे मिली आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
सब के है सामने मेरा बस इक यही सवाल
कैसे मिली आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल
कितने जवां शहीद हुए ज्ञात नहीं है
अबलाओ की भी पीर का तुमको नहीं मलाल
बच्चे अनाथ जो हुए अब वृद्ध हो चले
आंखों में उनकी तिर रहा है बस यही सवाल
जलियांवाला बाग मे मारे थे निहत्थे
स्मृतियां बताती है सभी थे वो मां के लाल
ना जाने किस की चाह में तुमने लिखा था गीत
दे दी हमें आजादी बिना खड्ग बिना ढाल
— मनोज श्रीवास्तव