लघुकथा

सफलता का सोपान

सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए आज गोल्डन गर्ल गोल्डी को ”ज्ञानपीठ पुरस्कार” से नवाजा गया था. बड़ी विनम्रता से उसने पुरस्कार स्वीकारा था और इसका सारा श्रेय अपनी दादी मां को दे डाला था. दादी मां, जो अब न जाने किस दुनिया में होंगी, पर जहां भी होंगी, मेरी अनुपम उपलब्धि से हर्षित हो रही होंगी और मुझे दिल से आशीर्वाद दे रही होंगी, गोल्डी सोच रही थी. 
न जाने क्यों दादी मां को अंतश्चेतना हुई थी, कि आगे चलकर मुझे ‘गोल्डन गर्ल’ कहा जाने वाला है, दादी ने मेरे जन्मते ही मुझे गोल्डी के नाम से संबोधित किया था. तब उन्हें यह भी नहीं पता था, कि एकदम काले बालों वाले परिवार की लड़की के बाल गोल्डन हो जाएंगे और मैं जो उपन्यास लिखूंगी, उसका नाम भी ‘गोल्डन गर्ल’ होगा. 
मुझे ‘गोल्डन गर्ल’ उपन्यास लिखने का सुविचार भी दादी मां का दिया हुआ था. तब मैंने सपना देखा था- परियों के देश से एक संदेश आया है. संदेश भी भारी-भरकम पहाड़ जैसा. वह पहाड़ ढह जाता है, फिर उठ जाता है. ऐसा सपना एक बार नहीं, अनेक बार आया था. दादी मां ने ही कहा था- ”गोल्डी, यह एक संकेत है-
”हर सफलता के पीछे,
कई असफलताओं का हाथ होता है.”
बस यही संकेत मेरे लिए सफलता का सोपान बन गया था. इसी से प्रेरित होकर मैंने प्रसिद्धि व पुरस्कार की चिंता किए बगैर लिखना शुरु कर दिया था. निरंतर लिखते हुए ‘गोल्डन गर्ल’ उपन्यास में रक्षक द्वारा कैद की गई एक चिड़िया की पीड़ा के द्वारा सांकेतिक रूप से नारी की उस असह्य पीड़ा का चित्रण किया था, जिसे वह खुद असह्य न समझकर सहज रूप से सहते रहकर भी सबका जीवन संवारने में लगी रहती है. यह उपन्यास प्रकाशित होते ही बेस्ट बुकर अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया था और अब यह ”ज्ञानपीठ पुरस्कार” का सम्मान! 
सोशल मीडिया की उन अनमोल प्रतिक्रियाओं ने मुझे इस सोपान तक पहुंचाया था, जिनमें अनेक पतियों-बेटों-भाइयों ने अपनी जीवनचर्या में सुधार करने का प्रण किया था तथा अनेक नारियों-माताओं-बहनों ने नारी की असह्य पीड़ा से संवेदना प्रकट करते हुए खुद संभलने का संकेत दिया था. सफलता के सोपान के लिए यही पर्याप्त था.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “सफलता का सोपान

  • लीला तिवानी

    सोशल मीडिया ने आज हमारी पहुंच दूर-दूर तक कर दी है. व्यक्तिगत रूप से जान-पहचान न होने पर भी शब्दों, रचनाओं, फोन, मैसेज आदि से बहुत खूबसूरत-निःस्वार्थ रिश्ते कायम कर दिए हैं. प्रतिक्रियाएं लेखक की संजीदगी को बनाए रखने में अद्भुत भूमिका निभाती हैं. सोशल मीडिया की उन्हीं अनमोल प्रतिक्रियाओं ने गोल्डी को सफलता के सोपान तक पहुंचाया था.

Comments are closed.