फूलों की कविता-19
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
19. यह ही अमर तराना है
खिलकर फूल सिखाते हमको,
बगिया को महकाना है।
जीवन नाम समर्पण का है,
सबको यह बतलाना है॥
जग में कोई अमर नहीं है,
इक दिन सबको जाना है।
झरकर भी खुशबू फैलाओ,
यह ही अमर तराना है॥
फूलों की कविताओं की इस श्रंखला की 21वीं और अंतिम कड़ी में आप ई.बुक. ”फूलों की 21 कविताएं” का लिंक भी देख सकेंगे.
फूलों का अमर तराना हमें बहुत कुछ सिखाता है. सबकी तर्ह एक दिन फूल भी झरकर, खुशबू फैलाकर चले जाते हैं, पर जाते-जाते भी अमर होकर अनेक अमर संदेश दे जाते हैं.