बाल कविताशिशुगीत

तितली

                                         बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत
18.तितली

तितली रानी आई है,
खुशियां साथ में लाई है,
पंख हैं इसके रंगरंगीले,
लाल-गुलाबी-नीले-पीले.
फूल-फूल पर जाती है,
खुशबू ले उड़ जाती है,
बच्चों के मन को बहलाती,
तितली रानी है कहलाती.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “तितली

  • लीला तिवानी

    प्यारी ति‍तली, न्यारी तितली
    रंग-बिरंगी तितली आई।

    चंचल नैनों वाली तितली
    चमचम तारों जैसी छाई।

    काश हम भी तितली होते,
    हमारे भी रंग-बिरंगे पंख होते।

    हम भी आसमान पर छा जाते,
    हम भी फूलों पर मंडराते।

    तितली आई, तितली आई,
    रंग-बिरंगी ति‍तली आई।

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