चुन्नू मुन्नू
नन्हे मुन्ने बच्चों को समर्पित…….
” चुन्नू मुन्नू”
आओ खेलें चुन्नू मुन्नू
मिलकर सब कोई खेल,
बातें करें एक दूजे से
बढ़ाएं आपस में मेल।
बनाए स्वयं को तंदुरुस्त
होगा बलशाली हमारा तन,
खूब हंसे संग मिलजुलकर
होगा प्रफुल्लित सबका मन।
पढ़ें मित्रता का पाठ हम
बढ़ाएं आपस में प्यार,
सीखें मिल जुल कर रहना
और बड़ों से करना व्यवहार।
झगड़े ना एक दूजे से
करे ना किसी से लड़ाई,
मिल बांट कर खाए सब कुछ
करेंगे माता पिता हमारी बड़ाई।
आंखों के लिए अच्छा नहीं
होता, देखना टी वी दिन भर ,
आओ बताएं सबको यह बात
चढ़ाओ ना ऐनक आंखों पर।
बतला दे जग को यह बात
हम बच्चे नहीं किसी से कम,
कुछ बनकर दिखला देंगे
हम सब में है इतना दम।
पूर्णतः मौलिक-ज्योत्स्ना पाॅल।