गलती
गलती से क्यूँ डरते हो तुम,
गलती को सब अपनाओ तुम,
जीवन में आगे बढना जो,
गलती को गले लगाओ तुम !
गलती तो इक ठोकर होती,
ठोकर लग कर उठ जाओ तुम,
पर इतना भी समझो यारों,
गलती को न दोहराओ तुम !
गलती तब तक गलती होती,
जब अनजाने कर जाओ तुम,
लेकिन दोहरा जान बूझकर,
गुनाह उसे न बनाओ तुम !
गलती गलती करते करते,
खुद को यूँ न गिराओ तुम,
गलती को ही देखे देखे,
ये जीवन यूँ न गँवाओ तुम !
गलती को बस हवा समझ लो,
महल समझ न सजाओ तुम,
गलती से सीखे हे इन्सां,
सोया भाग जगाओ तुम !
— डॉ सोनिया