कविता

फूलों की कविता-20

                                         फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत

Image result for flowers
20. प्रभु ने प्रेम से पाला है

 

 

सुमन हैं हम अच्छे मन वाले,

शुभ संकल्प हमारा है।

सुंदर-सुरभित-सुखद-सजीले,

प्रभु ने प्रेम से पाला है॥

प्रभु का धन्यवाद करने को,

हम भी आगे आते हैं।

जग को सुंदर-सुरभित-सुखद,

सजीला कर सुख पाते हैं॥

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “फूलों की कविता-20

  • लीला तिवानी

    फूल की कहानी सुनिए उसी की जुबानी. फूल का कहना है- सबकी तरह हम भी टूटने या झरने के लिए ही पैदा हुए हैं, पर झरकर मरने से पहले, जग सुरभित कर जाएंगे. जग को सुंदर-सुरभित-सुखद-सजीला कर हम सुख पाते हैं.

Comments are closed.