फूलों की कविता-20
फूलों की 21 कविताएं से संग्रहीत
20. प्रभु ने प्रेम से पाला है
सुमन हैं हम अच्छे मन वाले,
शुभ संकल्प हमारा है।
सुंदर-सुरभित-सुखद-सजीले,
प्रभु ने प्रेम से पाला है॥
प्रभु का धन्यवाद करने को,
हम भी आगे आते हैं।
जग को सुंदर-सुरभित-सुखद,
सजीला कर सुख पाते हैं॥
फूल की कहानी सुनिए उसी की जुबानी. फूल का कहना है- सबकी तरह हम भी टूटने या झरने के लिए ही पैदा हुए हैं, पर झरकर मरने से पहले, जग सुरभित कर जाएंगे. जग को सुंदर-सुरभित-सुखद-सजीला कर हम सुख पाते हैं.