ग़ज़ल
शुश्रुषण माँ बाप का करके, खरा हो जाना
कर्ज माता का पिता का था, अदा हो जाना |
पूजते है लोग तन मन से वही ढोंगी को
ढोंग से संभव नहीं जग में खुदा हो जाना |
मुफलिसों को चाहिए क्या, रहनुमा क्यों सोचे?
लोक शाही-रहनुमा का अर्थ राजा जाना |
आबरू इंसान की अनमोल धन इस जग में
आदमी की आबरू जाना, क़ज़ा हो जाना |
डूबता ही मैं गया नम आँख के आँसू में
आँख में यूँ डूब जाना तो फ़ना हो जाना |
जिंदगी जब दर्द को खुद सोखता है ‘काली’
दर्द को तो दर्द की निश्चित दवा हो जाना |
कालीपद ‘प्रसाद’