तभी दशहरा होता है
(बाल काव्य सुमन संग्रह से बाल गीत)
अंधकार से जीते उजाला,
तभी दशहरा होता है.
शांति की हो विजय नाद पर,
तभी दशहरा होता है.
प्रेम विजित हो जब ईर्ष्या पर,
तभी दशहरा होता है.
न्यायी जीते अन्यायी पर,
तभी दशहरा होता है.
बुद्धि सफलता प्राप्त करे जब,
तभी दशहरा होता है.
पाप-मुक्त हो धरा सुहानी,
तभी दशहरा होता है.
नमस्ते बहिन जी। आपकी यह कविता बहुत अच्छी लगी। सादर धन्यवाद।
प्रिय मनमोहन भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको कविता बहुत अच्छी लगी. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
आप सबको दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएं.
जम्मू-कश्मीर में भले ही कुछ तत्व नफरत की दीवार खड़ी कर यहां शांति-भाईचारे को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हों। मगर उत्तर प्रदेश से हर साल आने वाले इस मुस्लिम परिवार की मदद के बिना विजयदशमी पर्व की धूम संभव नहीं है। ये मेहमान मुस्लिम भाई हिंदुओं के साथ मिल कर भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल दे रहे हैं। पिछले 38 साल से जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने का काम कर रहे इस परिवार के सदस्यों का कहना है कि दहन के दौरान जब वे लोगों के चेहरों पर खुशी देखेंगे तो उनकी मेहनत फलीभूत हो जाएगी । यहां रहीम के बनाए रावण का दहन करते हैं राम.