रावण दहन
सभी भाई, बंधुओं को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं….🙏🙏🙏
“रावण दहन”
नौ दिन नौ दुर्गोउत्सव के पश्चात
आया आज शुभ दिन, दशहरा,
मिलने, मिलाने का इससे अच्छा
मिलेगा ना अवसर इतना प्यारा।
दें बधाई एक दूजे को खुशी से
भाई, बंधु, दोस्तों से गले लगकर,
मुंह मीठा कराए सबका हम
बिखराए प्यार की मोती हंसकर।
किया था जब सीता हरण रावण ने
राम ने पाई थी विजय उस पर,
अन्याय पर न्याय की विजय स्वरूप
मनाई खुशी रावण पुतला जलाकर।
दहेज, भ्रष्टाचारी, व्यभिचारी, रावण
जीवित है अनेक अपनी इस धरा पर,
कर दें उन सबका उन्मूलन जड़ से
आओ मिलकर क्रांति अग्नि जलाकर।
पुनः मनाए जीत की खुशी हम सब
मन के अंध- तमस को मिटाकर,
फैला दें जग में धर्म का उजियारा
अधर्म के रावण को मारकर ।
बधाई! सभी बंधु, बांधव जनों को
दशहरा के इस पावन अवसर पर,
भर दें सबकी झोली मां सुख से
विसर्जित करें प्रतिमा, प्रार्थना कर।
पूर्णतः मौलिक-ज्योत्स्ना पाॅल।