बलात्कार
क्या से क्या आज की कहानी हो गयी ,
हर तरफ चर्चा रेप का दुनिया दीवानी हो गयी ।
भाषणबाजी ये आज आम हो गयी ,
आज औरत खुलेआम बदनाम हो गयी ।
सतयुग में द्रौपदी की लाज बचाई थी ,
ओ कृष्णा आज क्यों अनर्थ की कहानी हो गयी !
बाप बेटी का पावन रिश्ता भी पुरानी बात हो गयी
जिस्म की भूख के आगे इंसानियत शर्मसार हो गयी
क्या बच्ची ,क्या वृद्धा ,क्या जवानी हो गयी ,
लूटना खसोटना की आज रोज की बात हो गयी ।
शर्म को रखकर सौदेबाजी मेँ
आज कैसी नियति हो गयी ।
भूल गया आज इंसान सारी शर्मो हया ,
भारत की सभ्यता भी पाकिस्तानी हो गई !
वर्षा वार्ष्णेय अलीगढ़