फूलों की कविता-21
21. ऋतु बसंत का भ्रम है होता
हमको लगा तरु जल-सा रहा है,
जग कहता गुलमोहर ये प्यारे।
लाल सुमनों से पेड़ सजा है,
जैसे नभ को सजाएं तारे॥
कभी-कभी पर इन फूलों का,
सरसों-सा पीला रंग होता।
सच मानो तब सब लोगों को,
ऋतु बसंत का भ्रम है होता॥
इसी के साथ समाप्त होती हैं फूलों की 21 कविताएं. प्रस्तुत है ई. बुक फूलों की कविताएं का लिंक-
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