कविता

माँ की ममता से !!!

माँ तुम्हारे
शब्दों की विरासत
मेरी हथेलियों को देती है ताक़त
मन को संबल
कदमों को हौसला
मस्तिष्क को
कभी हार कर भी
नहीं हारने देना
सोचती हूँ
शब्दों में इतनी हिम्मत
पहले तो नहीं थी
जरूर तुमने अभिमंत्रित किया होगा
इन्हें अपनी ममता से
सुना है कि
माँ की ममता से
कोई पार नहीं पा सकता !!!
….

सीमा सिंघल 'सदा'

जन्म स्थान :* रीवा (मध्यप्रदेश) *शिक्षा :* एम.ए. (राजनीति शास्त्र) *लेखन : *आकाशवाणी रीवा से प्रसारण तो कभी पत्र-पत्रिकाओ में प्रकाशित होते हुए मेरी कवितायेँ आप तक पहुँचती रहीं..सन 2009 से ब्लॉग जगत में ‘सदा’ के नाम से सक्रिय । *काव्य संग्रह : अर्पिता साझा काव्य संकलन, अनुगूंज, शब्दों के अरण्य में, हमारा शहर, बालार्क . *मेरी कलम : सन्नाटा बोलता है जब शब्द जन्म लेते हैं कुछ शब्द उतरते हैं उंगलियों का सहारा लेकर कागज़ की कश्ती में नन्हें कदमों से 'सदा' के लिए ... ब्लॉग : http://sadalikhna.blogspot.in/ ई-मेल : [email protected]