माँ की ममता से !!!
माँ तुम्हारे
शब्दों की विरासत
मेरी हथेलियों को देती है ताक़त
मन को संबल
कदमों को हौसला
मस्तिष्क को
कभी हार कर भी
नहीं हारने देना
सोचती हूँ
शब्दों में इतनी हिम्मत
पहले तो नहीं थी
जरूर तुमने अभिमंत्रित किया होगा
इन्हें अपनी ममता से
सुना है कि
माँ की ममता से
कोई पार नहीं पा सकता !!!
….