गीत/नवगीत

गीत रचना – स्वप्न किया साकार

देश समूचा सदा मानता, जिनका ये आभार ।
हुआ न बल्लभ भाई जैसा, लौह पुरुष सरदार ।।

भारत में थी कई रियासत, राजा हुए अनेक।
राज-पाट त्यागे सब राजा, देश बने तब एक।
विलय कराने सभी राज्य को, सबसे किया करार ।
हुआ न बल्लभ भाई जैसा, लौह पुरुष सरदार।।

लोकतंत्र लाना भारत में, लिया हृदय संकल्प।
करें समर्पण राजा सारे, दूजा नही विकल्प ।।
सर्व सम्पन्न गणराज्य बने, इसका ये आधार ।
हुआ न बल्लभ भाई जैसा, लौह पुरुष सरदार।

राज्य समर्पण कौन कराये, डालें कौन नकेल।
लौह पुरुष ने किया काम ये, कहते उन्हें पटेल।।
प्रजातन्त्र लाने भारत में, स्वप्न किया साकार ।
हुआ न बल्लभ भाई जैसा, लौह पुरुष सरदार।।

 लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला

जयपुर में 19 -11-1945 जन्म, एम् कॉम, DCWA, कंपनी सचिव (inter) तक शिक्षा अग्रगामी (मासिक),का सह-सम्पादक (1975 से 1978), निराला समाज (त्रैमासिक) 1978 से 1990 तक बाबूजी का भारत मित्र, नव्या, अखंड भारत(त्रैमासिक), साहित्य रागिनी, राजस्थान पत्रिका (दैनिक) आदि पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित, ओपन बुक्स ऑन लाइन, कविता लोक, आदि वेब मंचों द्वारा सामानित साहत्य - दोहे, कुण्डलिया छंद, गीत, कविताए, कहानिया और लघु कथाओं का अनवरत लेखन email- [email protected] पता - कृष्णा साकेत, 165, गंगोत्री नगर, गोपालपूरा, टोंक रोड, जयपुर -302018 (राजस्थान)