कविता

कविता

तेरे नफरत को कैसे सह सकते है
दूरी तुमसे कैसे रख सकते है,
तुम कहानी हो मेरी
जो मेरी जिदंगानी हो मेरी
जो मेरे सांसो में बसते है,
तेरे नफरत को कैसे सह सकते है
जब तुम मिले सारे जग की
खुशी मानो हमको मिल गया
ख्वाब बनाकर जिदंगानी जीते
कभी हंसते कभी रोते,
बिना आपके एक कदम ना
चल सकते है,
तेरे नफरत को कैसे सह सकते है।।
अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]