खुशियों के त्यौहार
दिवाली गुरुपर्व ईद क्रिसमस
सब खुशियों के हैं त्यौहार.
सबको गले लगाकर झूमो,
मिल कर गायें नाचें यार.
हम सब भारत मां की संतान
सुख दुख, रहन सहन, सब एक.
सभी सुखी हों यही मनाते,
मिल कर तजें न अपनी टेक.
मानवता हो ईमान हमारा
और भाईचारा मजहब अपना
हमको कोई जुदा कर सके ,
ऐसा भी देखे न सपना,
आंसू पोछें हर दुखिया के ,
हम सब बने सच्चे इंसान.
नूर खुदाई सबमें देखा
इसी से रहमत इसी से शान, .
हाथ जोडकर दुआ ये मांगें
भारत माँ की रखना खैर
धर्म चाहे कोई हो अपना ,
कभी न समझे किसी को गैर
दहशतगर्दी से लडना,
है हर सच्चे इंसां का फर्ज.
सब मिलजुल अपना कर्म करें,
तभी उतरें भारत मां का कर्ज
गुझिया सिंवई मिठाई खायें
आज छाई है दीवाली की बहार
मिल कर हम सब मनाएं कल
राखी दशहरा तीज त्यौहार
— जय प्रकाश भाटिया