चम्पू बन्दर
चम्पू बन्दर मस्त कलंदर।
चलता देखो कैसे तन कर।
पढ़ने में थोड़ा सा कम पर।
शैतानी में पहला नम्बर।
डाल डाल कभी पात पात पर,
लपक लपक कर उचक उचक कर,
अभी आम खा कर बैठा था।
अब खाता है जामुन जम कर।
चम्पू बन्दर मस्त कलंदर।
गिरता उठता उठता गिरता,
खों खों खों खों बस ये करता,
कूद लगाता है ये दिन भर।
पल में हो जाता छूमंतर।
चम्पू बन्दर मस्त कलंदर।
शैतानी इसको बड़ी प्यारी,
नकल की इसको है बीमारी,
एक जगह ये टिक नहीं पाता।
कभी है बाहर कभी है अंदर।
चम्पू बन्दर मस्त कलंदर।