कविता

कविता- चुनाव चल रहा है

चुनाव चल रहा है
अच्छे वादे दिख रहे होगें
लोग बिक रहे होगें,
भाषण पिलाया जा रहा
झूठे कसमे खाया जा रहा,
धड़ियाली आंसू बहा रहे
जनता को हितैषी बता रहे
ये नजारा पांच साल पहले
शायद यहां देखा
हदय में हलचल हुआ
शायद अपने बेटे की कसम खाते
कि विकास की नदी बहाते,
आज सब वैसे नजारा
बदला नेता जी के पेट पर चर्बी बेचारा।
अभिषेक राज शर्मा

अभिषेक राज शर्मा

कवि अभिषेक राज शर्मा जौनपुर (उप्र०) मो. 8115130965 ईमेल [email protected] [email protected]