सामाजिक

भारतीय रेल बनाम यात्रियों की सुरक्षा

भारतीय रेलवे का यात्री किराया अभी सुरक्षा के नाम परपिछले बजट में बढ़ाया गया था । भारतीय रेल विश्व में सर्वाधिक रेल एक्सीडेंट करके अपने रेलयात्रियों की जान लेने लिए वैसे ही पहले से बदनामी झेल रही है , अभी कल के समाचार पत्रों में रेलवे की सुरक्षाव्यवस्था की अत्यन्त लचर व्यवस्था के कारण हुई एक अत्यन्त दुखद समाचार  प्रकाशित   हुआ है , जिसके अनुुुसार ‘जालियांवाला बाग एक्सप्रेस ‘ जो अमृसर से टाटा नगर जा रही थी ,के जनरल कोच में हुई ,जो पहले से ही छठ पूजा हेतु बिहार जाने वाले यात्रियों से ठूँसठूँस कर भरी हुई थी , के बरेली पहुँचने पर , इसमें एक 45 वर्षीया महिला अपने दो बेटों और एक बहू के साथ इस ट्रेन में जैसे -तैसे सवार हुई , समाचार पत्रों की खबरों के अनुसार वह महिला किसी तरह स्वयं को उस कोच के लगभग बीच में पहुँचने में सफल हो गई , परन्तु उसके दोनों बेटे और बहू अत्यधिक भीड़ होने की वजह से दरवाजे के पास स्थित शौचालय वाले स्थान से आगे नहीं पहुँच पाये । बरेली से आगे बढ़ने पर उस खचाखच भरी ट्रेन में ऊपरी बर्थ पर बैठा एक आजमगढ़ का युवक सिगरेट पीने लगा ,सिगरेट के धुँए से वह कोच बुरी तरह भर गया ,घुटन सभी को हो रही थी , परन्तु इतनी भीड़ होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से किसी पुरूष ने उसको सिगरेट पीने सेे मना नहीं किया ,परन्तु बरेली से चढ़ी उस महिला ने उसे सिगरेट पीने से मना किया ,इस बात पर वह युवक इतना उत्तेजित और क्रोधित हो गया कि उस महिला को नीचे गिरा दिया और उसके गर्दन पर अपना पैर रखकर इतना जोर से दबा दिया कि उस महिला की मौत हो गई । इस दुखद घटना में सबसे अफ़सोस और दुख की बात है कि इतनी भीड़ से भरी ट्रेन में बैठे अन्य रेलयात्री नपुंसक की तरह बैठे रहे किसी एक ने भी बीचबचाव और उस सिगरेट पीने वाले लड़के का विरोध तक नहीं किए बल्कि उस औरत की मौत का तमाशा देखते रहे ,आज का समाज कितना असंवेदनशील और नपुंसक हो गया है ,इसका यह जीता-जागता उदाहरण है ।
       इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे का नारा ,’संरक्षा ,सुरक्षा और स्वच्छता ‘ की हर जगह धज्जियाँ उड़ती दिखती रहती है । पहली बात अगर रेलवे छठ पूजा और अन्य त्योहारों के समय अतिरिक्त और बिना आरक्षित ट्रेने चलाती तो वह महिला अकेली नहीं अपने बच्चों के साथ आराम सेे सुरक्षित यात्रा करती , परन्तु रेलवे की असंवेदनशीलता और लापरवाही से एक निरपराध यात्री को एक  ‘अपराधी ‘ व्यक्ति ने सरेेआम हत्या करके रेलवे की सुरक्षाव्यवस्था पर तमाचा जड़ दिया है । क्या अब सार्वजनिक जगह पर सिगरेट पीने और हत्या के जुर्म में उस ‘अपराधी ‘ और ‘हत्यारे ‘ पर न्यायपालिका उसे कठोरतम् सजा देंगी ? या इस अत्यंत दुखद घटना पर भी सदा की तरह ‘लीपापोती ‘ही की जायेगी  ?
— निर्मल कुमार शर्मा 

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल [email protected]