बिकता नहीं
बिकता नहीं मोहल्ले में
ये इंसान अखबारों की तरहा
सजता नहीं झूठे,फरेबी
बाजारों की तरहा
क्या हुआ जो अंधेरा घना है
मंजिल वाले रास्ते में
टिमटिमाता जुगनूँ हूँ
चमकदार हूँ सितारों की तरहा
बिकता नहीं मोहल्ले में
ये इंसान अखबारों की तरहा
सजता नहीं झूठे,फरेबी
बाजारों की तरहा
क्या हुआ जो अंधेरा घना है
मंजिल वाले रास्ते में
टिमटिमाता जुगनूँ हूँ
चमकदार हूँ सितारों की तरहा